Music Haat

Maa Vindhyavasini Ji Ki Aarti (माँ विंध्यवासिनी आरती)

ॐ विंध्यवासिनी माँ, मैया विंध्यवासिनी माँ।
आदिशक्ति जगदम्बा, विपति नाशिनी माँ।
ॐ विंध्यवासिनी माँ

भयहारिणि भवतारिणि सुख आनंद राशी।
अविकारिणि अघहारिणि अविचल अविनाशी।
ॐ विंध्यवासिनी माँ

विन्ध्याचल गिरिवर में मंदिर अति सुन्दर।
रतन जड़ित सिंहासन मंदिर के अंदर॥
ॐ विंध्यवासिनी माँ

श्यामल रूप लुभावन मूरत मनहारी।
ममतामयि दोउ आँखे प्यारी रतनारी॥
ॐ विंध्यवासिनी माँ

माथे मुकुट कुंडल अरु नाशा मणि सोहे।
मुखमंडल की आभा भक्तन मन मोहे।
ॐ विंध्यवासिनी माँ

दुखहरणी सुखकरणी मन चिंताहरणी।
दयामयी करुणामयी जग-मंगलकरणी॥
ॐ विंध्यवासिनी माँ

उमा रमा ब्रह्माणी माँ सविता सीता।
आदिशक्ति-महामाया-आद्या-भवप्रीता॥
ॐ विंध्यवासिनी माँ

मधु-कैटभ, महिषासुर धूम्रनयन दलनी।
शुंभ-निशुंभ संहारिणि, चण्ड-मुण्ड हननी।
ॐ विंध्यवासिनी माँ

विधि हरि हर सुर मुनि जन तेरा ध्यान धरें।
राजा रंक तपस्वी सुमिरन सतत करैं।
ॐ विंध्यवासिनी माँ

विन्ध्येश्वरी की आरती जो कोई नित गावे।
“रमन” सकल सुख वैभव शुभ सद्गति पावे।
ॐ विंध्यवासिनी माँ

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top