मुखड़ा
करो दर्शन की तैयारी अवध में राम आए हैं.
पधारी जानकी प्यारी लखनजी संग आए हैं.
अंतरा:१
कहीं रंगों की रंगोली कहीं है दीप की जगमग,
सभी घर-द्वार-आँगन को दुल्हन जैसे सजाए हैं,
करो दर्शन की तैयारी…..
अंतरा:२
बहाकर श्रद्धा की सरयू पखारो चरणों को सादर,
बरस जाएँ नयन सावन घिरी भावुक घटाएं हैं.
करो दर्शन की तैयारी…..
अंतरा:३
सुगंधित भावपुष्पों से बनाकर प्रेम की माला,
हृदय की थाल में देखो करोड़ों भक्त लाए हैं.
करो दर्शन की तैयारी…..
अंतरा:४
जलाकर भक्ति की ज्योति उतारें आरती चलकर,
सुअवसर पूजा अर्चन का बड़ी मुश्किल से पाए हैं.
करो दर्शन की तैयारी…..