Maa Vindhyavasini Ji Ki Aarti (माँ विंध्यवासिनी आरती)
ॐ विंध्यवासिनी माँ, मैया विंध्यवासिनी माँ। आदिशक्ति जगदम्बा, विपति नाशिनी माँ। ॐ विंध्यवासिनी माँ भयहारिणि भवतारिणि सुख आनंद राशी। अविकारिणि […]
ॐ विंध्यवासिनी माँ, मैया विंध्यवासिनी माँ। आदिशक्ति जगदम्बा, विपति नाशिनी माँ। ॐ विंध्यवासिनी माँ भयहारिणि भवतारिणि सुख आनंद राशी। अविकारिणि […]
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे हो रही जय जय कार मंदिर
जागिये रघुनाथ कुंवर जागिये रघुनाथ कुंवर पंछी बन बोले!! चंद किरण शीतील भई चकई पिय मिलन गयी त्रिविध मंद
मुखड़ा करो दर्शन की तैयारी अवध में राम आए हैं. पधारी जानकी प्यारी लखनजी संग आए हैं. अंतरा:१ कहीं रंगों
Celebrate the sacred bond of love and devotion with Karwa Chauth Ki Aarti, a traditional prayer offered by married
श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन,हरण भवभय दारुणम्। नव कंज लोचन, कंज मुख करकंज पद कंजारुणम्॥ श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन…॥
॥ दोहा ॥ निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान । तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥
बाल समय रवि भक्षी लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारों । ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु
श्री हनुमानजी आरती आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥ जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष
दोहा श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि बरनऊं रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि बुद्धिहीन तनु जानिके